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जय जय गणपति गौरी नंदन (Jai Jai Ganpati Gauri Nandan)

जय जय गणपति गौरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु,

तुम रिद्धि सिद्धि के हो दाता,

हम भक्तन पर बलिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


ब्रम्हा विष्णु शिव ध्यान धरे,

मिल देवता सब सम्मान करे,

हम करते है वंदन तेरा,

और आए शरण तिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


हम आस लगाए बैठे है,

तेरा ध्यान लगाए बैठे है,

भक्तन को सच की राह दिखा,

और सबको पार लगाना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


शिव शंकर ने वरदान दिया,

तुम प्रथम ही पूजे जाओगे,

मैंने भी प्रथम तुम्हे पूजा है,

मुझे भव से पार लगाना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


तीनों लोको में तुम जैसा,

दूजा कोई देव ना दानी है,

जो कोई लाये मुरादें प्रभु,

पूरी सब तुम कर देना प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥


जय जय गणपति गौरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु,

तुम रिद्धि सिद्धि के हो दाता,

हम भक्तन पर बलिहारी प्रभु,

जय जय गणपति गौंरी नंदन,

हम आए शरण तिहारी प्रभु ॥

रथ सप्तमी सर्वार्थसिद्धि योग

हिंदू धर्म में, रथ सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को श्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। इस साल रथ सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा।

एकादशी पूजन विधि (Ekadashi Poojan Vidhi )

एकादशी पूजन में विशेष तौर से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है इस दिन पवित्र नदी या तालाब या कुआं में स्नान करके व्रत को धारण करना चाहिए

Tune Mujhe Bulaya Sherawaliye (तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये)

साँची ज्योतो वाली माता,
तेरी जय जय कार ।

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