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जिन भवानी माँ (Jeen Bhawani Maa)

जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥


ममतामयी मेरी मां,

करुणा मयी मेरी मां,

म्हे बालक हा नादान,

हे बुध्दी मति माता,

हे जगमती माता,

म्हे निर्गुण दयो थे ज्ञान,

आनंद कर दयो मां,

जग विख्यात थारी दातारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


हे जग पटरानी मां,

थे हो कल्याणी मां,

अरज स्वीकार करो,

हे शक्ति प्रदायनि मां,

हे भक्ति प्रदायनि मां,

सुख सु यश प्रदान करो,

म्हे टाबर थारा,

तु ही कुल की धणीयानी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


मरुधर मे गोरिया धाम,

तीरथ बन्यो महान,

बठे थे बिराजो हो,

सागे हर्ष भैरो जी,

काटे कस्ट सके जी,

सबका कारज साधो हो,

निर्मल बोले माँ,

तु तो भक्ता की हितकारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है,

जिन भवानी मां,

थारी महिमा न्यारी है ॥


जिन भवानी माँ,

थारी महिमा न्यारी है,

थाने पुजे दुनिया सारी है ॥

शीतला अष्टमी व्रत कथा

शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और नियमों का पालन करने का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (Bhaye Pragat Kripala Din Dayala)

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,
कौसल्या हितकारी ।

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।