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झंडा हनुमान का, सालासर धाम का: भजन (Jhanda Hanuman Ka Salasar Dham Ka)

संकट काटे पलभर में ये,

भक्तों सारे जहान का,

झंडा हनुमान का,

सालासर धाम का ॥


बालाजी की लाल ध्वजा की,

महिमा अपरम्पार है,

इस झंडे को जो भी थामे,

मिलता इनका प्यार है,

नाम लिखा है इसके ऊपर,

नाम लिखा है इसके ऊपर,

जगत पिता श्री राम का,

झंडा हनुमान का,

सालासर धाम का ॥


जिसके घर में लाल ध्वजा ये,

फर फर कर लहराती है,

उस घर में फिर सारी खुशियां,

दौड़ी दौड़ी आती है,

उस परिवार पे पहरा रहता,

उस परिवार पे पहरा रहता,

वीर बलि बलवान का,

झंडा हनुमान का,

सालासर धाम का ॥


लाल लंगोटा हाथ में सोटा,

हनुमत की पहचान है,

राम नाम का है मतवाला,

सीने में सियाराम है,

राम की धून में नाचे ‘सोनू’,

राम की धून में नाचे ‘सोनू’,

दीवाना इस नाम का,

झंडा हनुमान का,

सालासर धाम का ॥


संकट काटे पलभर में ये,

भक्तों सारे जहान का,

झंडा हनुमान का,

सालासर धाम का ॥


बसंत पंचमी के दिन क्या करें, क्या नहीं

बसंत पंचमी का पर्व जो कि माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा के लिए विशेष है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी है।

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

मुझ पर भी दया की कर दो नज़र(Mujh Par Bhi Daya Ki Kardo Najar)

मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,
ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।

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