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जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे।

तन का दिया मन की बाती...

काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे।

काहे को तू घबराता है...

॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥


इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे।

इस दुनिया में कौन बनाये...

अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे।

इस दुनिया में कौन बनाये...

॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥


जिसकी लागी रे लगन भगवान में,

उसका दिया रे जलेगा तूफान में।


जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

श्री गुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।

श्री ललीता माता चालीसा (Shri Lalita Mata Chalisa)

जयति जयति जय ललिते माता! तव गुण महिमा है विख्याता ।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी! सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।

नई पुस्तक शुभारंभ पूजा विधि

नई पुस्तक का विमोचन किसी लेखक के लिए एक बेहद खास अवसर होता है। यह न केवल उसकी विद्या और ज्ञान का प्रतीक होता है, बल्कि उसकी मेहनत और समर्पण की भी पहचान होती है।

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,
वो डरता नहीं किसी बात से,

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