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जो शिव भोले की, भक्ति में रम जाएगा (Jo Shiv Bhole Ki Bhakti Mein Ram Jayega)

जो शिव भोले की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


शिव भोले औघड़दानी,

सुनते है सबकी वाणी,

इंसान तो क्या देवों ने,

इनकी महिमा है बखानी,

शरण जो आएगा,

शिव भोले के,

पावन दर्शन पाएगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


ये नीलकंठ कहलाए,

भक्तो की लाज बचाए,

अमृत देवों को देकर,

विष को खुद ही पि जाए,

वो अमृत पाएगा,

शिव गुणगान जो,

मन से प्राणी गाएगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


शिव तो है अंतर्यामी,

सारे जग के है स्वामी,

सब इनके ही गुण गावे,

ज्ञानी हो या अज्ञानी,

वरदान पाएगा,

सच्चे मन से,

शिव वरदान जो मांगेगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


जो शिव भोले की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥

खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

राम नवमी पूजा विधि

राम नवमी का त्योहार सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विशेष रूप से भगवान श्री राम की जयंती के रूप में मनाया जाता है।य ह त्योहार प्रत्येक वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।

मंगलवार को किन मंत्रों का जाप करें?

सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जातक की आर्थिक तंगी, शारीरिक पीड़ा और मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं।

अथार्गलास्तोत्रम् (Athargala Stotram)

पवित्र ग्रंथ दुर्गा सप्तशती में देवी अर्गला का पाठ देवी कवचम् के बाद और कीलकम् से पहले किया जाता है। अर्गला को शक्ति के रूप में व्यक्त किया जाता है और यह चण्डी पाठ का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

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