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जो शिव भोले की, भक्ति में रम जाएगा (Jo Shiv Bhole Ki Bhakti Mein Ram Jayega)

जो शिव भोले की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


शिव भोले औघड़दानी,

सुनते है सबकी वाणी,

इंसान तो क्या देवों ने,

इनकी महिमा है बखानी,

शरण जो आएगा,

शिव भोले के,

पावन दर्शन पाएगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


ये नीलकंठ कहलाए,

भक्तो की लाज बचाए,

अमृत देवों को देकर,

विष को खुद ही पि जाए,

वो अमृत पाएगा,

शिव गुणगान जो,

मन से प्राणी गाएगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


शिव तो है अंतर्यामी,

सारे जग के है स्वामी,

सब इनके ही गुण गावे,

ज्ञानी हो या अज्ञानी,

वरदान पाएगा,

सच्चे मन से,

शिव वरदान जो मांगेगा,

जो शिव भोलें की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥


जो शिव भोले की,

भक्ति में रम जाएगा,

हँसते हँसते,

भवसागर तर जाएगा ॥

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

मेरा भोला है भंडारी (Mera Bhola Hai Bhandari)

सबना दा रखवाला ओ शिवजी डमरूवाला जी
डमरू वाला उपर कैलाश रहंदा भोले नाथ जी

कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात (Kitne Dino Ke Baad Hai Aayi Bhakto Raat)

कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,

मैया री एक भाई दे दे (Maiya Ri Ek Bhai Dede)

मैया री एक भाई दे दे दे दे,
ना तो मैं मर जांगी,

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