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लाल ध्वजा लहराये रे, मैया तोरी ऊंची पहड़ियान (Lal Dhwaja Lahraye Re Maiya Teri Unchi Pahadiya)

लाल ध्वजा लहराये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लोंग इलायची के बीड़ा लगाए,

चम्पा चमेली के हार बनाये,

लाल अनार चड़ाए रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लाल गुलाल से लाल भये है,

लाल तुम्हारे निहाल भये है,

मैया के रंग रंग आये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


‘पदम्’ सुमर मैया तोरे जस गाये,

चरणों मे तोरे शीश झुकाये,

गीत सुमन बरसाए रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥


लाल ध्वजा लहराये रे,

मैया तोरी ऊंची पहड़िया ॥

सामा चकेवा की कहानी

सामा-चकेवा पर्व एक महत्वपूर्ण लोक-परंपरा है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और समाज में सत्य और प्रेम की अहमियत को दर्शाता है।

जय राम रमा रमनं समनं (Jai Ram Rama Ramanan Samanan)

जय राम रमा रमनं समनं ।
भव ताप भयाकुल पाहि जनम ॥

बिल्व निमंत्रण 2024: दुर्गा पूजा के पहले देवी मां को आमंत्रित करने के लिए किया जाता है ये अनुष्ठान

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नौ दिन के इस महापर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

आ रही है पालकी (Aa Rahi Hai Palki)

आ रही है पालकी,
भोलेनाथ शम्भू महाकाल की,