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महालक्ष्मी जाप करो (Mahalaxmi Jaap Karo)

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते

शंख चक्र गदाहस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते

नमस्ते गरूडारूढे कोलासुर भयंकरि

सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते


जग मग जग मग दीप प्रज्ज्वलित

चहुँ ओर है व्याप्त प्रकाश


मंत्रोच्चार से गूँज रहे हैं

खण्ड खण्ड पृथ्वी आकाश


उत्सव है दीपावली

महालक्ष्मी का प्रवास


हारिये ना हिम्मत बिसारिये ना राम

महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम - आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम - आठों याम


कमल पुष्प पर शोभती अष्टलक्ष्मी माँ

आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी माँ

गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, धैर्या लक्ष्मी माँ

विजया लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी अष्ट रुपिणी प्रणाम

भण्डारे भरपूर पुण्य के, भली करेंगे राम


महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम


रिद्धि सिद्धि की स्वामिनी कष्ट निवारिणी माँ

पापाम मुक्ति दायिनी जग उद्धारिणी माँ

सुख शान्ति शुभ लाभ की देवी

करुणा प्रवाहिनी माँ

धूपम दीपम समर्प्यामी, ज्योतिर्मय हर धाम


महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं(Duniya Rachne Wale Ko Bhagwan Kehte Hain)

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,<,br> और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।

एकादशी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि साल में कुल 24 एकदशी पड़ती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं।

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