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मेरे बाबा तुझे किसने सजाया, दिल गया हार सांवरे (Mere Baba Tujhe Kisne Sajaya Dil Gaya Haar Sanware)

मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोर मुकुट कानो में कुण्डल,

सूर्य प्रभात सा है मुख मंडल,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

तेरा रूप देख मन हर्षाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मोहिनी सूरत छटा अति प्यारी,

देवता भी जाते है बलिहारी,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

किसने फूलों से श्रृंगार कराया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


स्वर्ग से सुन्दर तेरा नज़ारा,

‘सुमित’ को बाबा दे दो सहारा,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥


मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे,

मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

मुड़ मुड़ दर तेरे आया,

दिल गया हार सांवरे,

मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,

दिल गया हार सांवरे ॥

है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का (Hai Sahara Ab Mujhe To Ram Sakal Gundham Ka)

हो के नाचूं अब दिवाना,
मैं प्रभु श्रीराम का,

ललिता देवी मूल मंत्र और स्तोत्र

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। अगर व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा करे तो मां उसे शक्ति प्रदान करती हैं।

हरि का भजन करो, हरि है तुम्हारा (Hari Ka Bhajan Karo, Hari Hai Tumhara)

हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,

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