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न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ: कामना (Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun: Kamana)

न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


रहे नाम तेरा वो चाहूं मैं रसना ।

सुने यश तेरा वह श्रवण चाहता हूँ ॥


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्बर ।

व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ ॥


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


करे दिव्य दर्शन तेरा जो निरन्तर ।

वही भाग्यशाली नयन चाहता हूँ ॥


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


नहीं चाहता है मुझे स्वर्ग छवि की ।

मैं केवल तुम्हें प्राण धन ! चाहता हूँ ॥


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है ।

परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ ॥


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥


मेरे सिर पर रख दो भोले(Mere Sar Par Rakh Do Bhole)

मेरे सिर पर रख दो भोले,
अपने ये दोनों हाथ,

काली कमली वाला मेरा यार है - भजन (Kali Kamali Wala Mera Yar Hai)

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हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए (Hey Prabhu Anand Data Gyan Humko Deejiye)

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शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥

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