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परमात्मा है प्यारे, तेरी आत्मा के अन्दर - भजन (Parmatma Hai Pyare Teri Aatma Ke Andar)

परमात्मा है प्यारे,

तेरी आत्मा के अन्दर ।

अम्बर है एक तारे में,

एक बूँद में समंदर ॥


परमात्मा है प्यारे,

तेरी आत्मा के अन्दर ।

परमात्मा है प्यारे,

तेरी आत्मा के अन्दर ।


इंसान से भी ज़्यादा,

विश्वास में है शक्ति ।

भगवान् बना देगी,

तुझको ही तेरी भक्ति ॥


परमात्मा है प्यारे,

तेरी आत्मा के अन्दर ।


क्यूँ लूट पे जीता है,

क्यूँ पाप कमाता है ।

अपनी ही निगाहों में,

क्यूँ खुद को गिराता है ॥


परमात्मा है प्यारे,

तेरी आत्मा के अन्दर ।


अपनी शक्ति तुम मुझ में भर दो,

मेरी कमजोरी को दूर कर दो ।

दुनिया से मैं बुराई का नाम मिटा दूँ.

जालिम शैतानों को मैं इंसान बना दूँ ॥


तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)

तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥

गणपति गजवदन वीनायक (Ganpati Gajvadan Vinayak)

गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,

मां की हर बात निराली है(Maa Ki Har Baat Nirali Hai)

माँ की हर बात निराली है
श्लोक – पास की सुनती है,