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पूरब से जब सूरज निकले (Purab Se Jab Suraj Nikle)

पूरब से जब सूरज निकले,

सिंदूरी घन छाए,

पवन के पग में नुपुर बाजे,

मयूर मन मेरा गाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


पुष्प की माला थाल सजाऊं,

गंगाजल भर कलश मैं लाऊं,

नव ज्योति के दीप जलाऊं,

चरणों में नित शीश झुकाऊं,

भाव विभोर होके भक्ति में,

रोम रोम रम जाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


अभयंकर शंकर अविनाशी,

मैं तेरे दर्शन की अभिलाषी,

जन्मों की पूजा की प्यासी,

मुझपे करना कृपा जरा सी,

तेरे सिवा मेरे प्राणों को,

और कोई ना भाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


पूरब से जब सूरज निकले,

सिंदूरी घन छाए,

पवन के पग में नुपुर बाजे,

मयूर मन मेरा गाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)

प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया,
बना वेद का अधीकारी ।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के उपाय

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मार्गशीर्ष माह में ये पर्व 22 नवंबर को मनाया जा रहा है।

शिव कैलाशो के वासी (Shiv Kailasho Ke Vasi)

शिव कैलाशो के वासी, धौली धारों के राजा,

मात अंग चोला साजे (Maat Ang Chola Saje Har Rang Chola Saje)

हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ

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