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पूरब से जब सूरज निकले (Purab Se Jab Suraj Nikle)

पूरब से जब सूरज निकले,

सिंदूरी घन छाए,

पवन के पग में नुपुर बाजे,

मयूर मन मेरा गाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


पुष्प की माला थाल सजाऊं,

गंगाजल भर कलश मैं लाऊं,

नव ज्योति के दीप जलाऊं,

चरणों में नित शीश झुकाऊं,

भाव विभोर होके भक्ति में,

रोम रोम रम जाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


अभयंकर शंकर अविनाशी,

मैं तेरे दर्शन की अभिलाषी,

जन्मों की पूजा की प्यासी,

मुझपे करना कृपा जरा सी,

तेरे सिवा मेरे प्राणों को,

और कोई ना भाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


पूरब से जब सूरज निकले,

सिंदूरी घन छाए,

पवन के पग में नुपुर बाजे,

मयूर मन मेरा गाये,

मन मेरा गाये,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय,

ॐ नमः शिवाय ॥


पार्वती जी की पूजा विधि

शुक्रवार का दिन देवी पार्वती सहित सभी स्त्री देवी-स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का उत्तम समय है।

रहे संग तेरा नाम प्रभु हर पल मेरे जीवन में(Rahe Sang Tera Naam Prabhu Har Pal Mere Jeevan Mein)

रहे संग तेरा नाम प्रभु,
हर पल मेरे जीवन में,

चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए (Chalo Darshan Ko Mehandipur Chaliye)

चलो दर्शन को मेहंदीपुर चलिए,
जहाँ बालाजी का दरबार है,

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

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