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राधा का चितचोर कन्हैया (Radha Ka Chitchor Kanhaiya)

राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


मोर मुकुट मोतियन की माला,

ऐसा प्यारा रूप निराला,

कारी कारी अखियां कारी,

होंठों की लाली मतवाली,

पित वसन पीताम्बर धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


किस प्रेमी ने इसे सजाया,

केसर चन्दन इतर लगाया,

बांकी बांकी चितवन प्यारी,

कर में मुरली जादूगारी,

कानुड़ा गोवर्धन धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


नैनो से बातें ये करता,

कभी मचलता कभी मटकता,

जब देखूं हँसता ही जाए,

प्रीत के तीर चलाता जाए,

मेरा जी ललचाता जाए,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


माखन मिश्री बेगा ल्याओ,

कानुड़ा का जी ललचाओ,

सारा चट मत ना कर जाना,

‘नंदू’ कुछ हमको दे जाना,

तेरा मेरा प्यार पुराना,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥

मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

किस विधि वंदन करू तिहारो(Kis Vidhi Vandan Karun Tiharo Aughardani)

किस विधि वंदन करू तिहारो,
औघड़दानी त्रिपुरारी

क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन, हम शरण तिहारी आए है (Hey Pratham Pujya Gaurinandan Hum Sharan Tihari Aaye Hai)

हे प्रथम पूज्य गौरीनंदन,
हम शरण तिहारी आए है,

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