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राम नाम को रटने वाले जरा सामने आओ(Ram Naam Ko Ratne Wale Jara Samne Aao)

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम,

कौन हो तुम क्या नाम है तुम्हारा

इतना तो बतलाओ तुम,

प्रभु राम का दास हूँ माता

चरणों में प्रणाम मेरा,

पवन पुत्र अंजनी का लाला

हनुमान है नाम मेरा ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।

कैसे है मेरा प्राण नाथ जी

लेने मुझे कब आएँगे,

धरीज रखो हे माता प्रभु

जल्दी तुम्हे ले जाएंगे,

प्यासी-प्यासी इन अंखियो को

कब आकर दर्श दिखाएंगे,

मार के अभिमानी रावन को

माता तुम्हे छुड़ाएंगे ।

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।


आज्ञा नहीं है मुझे प्रभु की

माता तुम्हें जो ले जाऊं,

व्याकुल मनवा धीर धरे ना

कैसे इसको समझाऊं,

मुझमे शक्ति इतनी माता

मैं बजरंगी कहलाऊँ,

मेरे प्रभु के प्यारे हनुमत

मैं तुम पे वारी जाऊँ ।

राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम,

कौन हो तुम क्या नाम है तुम्हारा

इतना तो बतलाऊ तुम,

प्रभु राम का दास हूँ माता

चरणों में प्रणाम मेरा,

पवन पुत्र अनजानी का लाला

हनुमान है नाम मेरा ।


राम नाम को रटने वाले

जरा सामने आओ तुम ।

धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

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हे आर्य पुत्रों, हे राम भक्तों
तुम्हे अयोध्या बुला रही है ।

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