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साथी हारे का तू, मुझको भी श्याम जीता दे(Sathi Hare Ka Tu Mujhko Bhi Shyam Jeeta De)

साथी हारे का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे,

मेरा ये नसीबा भी,

सोया है जगा दे,

साथी हारें का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे ॥


दुनिया में घुमा मुझे,

मिली रुसवाई है,

अपनों से जख्म मिले,

आँख भर आई है,

सबको निभाते हो,

सबको निभाते हो,

मुझे भी निभा दे,

साथी हारें का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे ॥


तुमसे छुपाऊं क्या मैं,

तुम्हे सब पता है,

हाथ जोड़ माफ़ी मांगू,

हुई जो खता है,

दयालु दया थोड़ी,

दयालु दया थोड़ी,

मुझपे भी लुटा दे,

साथी हारें का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे ॥


हारे का सहारा है तू,

मैं भी एक हारा,

इतिहास कहता तुमने,

लाखों को उबारा,

‘मोहित’ मेरी भी,

‘मोहित’ मेरी भी,

किस्मत सजा दे,

साथी हारें का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे ॥


साथी हारे का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे,

मेरा ये नसीबा भी,

सोया है जगा दे,

साथी हारें का तू,

मुझको भी श्याम जीता दे ॥

ज्वारे और अखंड ज्योत की परंपरा

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राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।
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आरती अहोई माता जी की (Aarti Ahoi Mata Ji Ki)

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