नवीनतम लेख

तेरे पूजन को भगवान, बना मन मंदिर आलीशान - भजन (Tere Pujan Ko Bhagwan)

उत्तर प्रदेश के व्रज क्षेत्र में यह भजन महिला भजन मंडली द्वारा ढोलक पे गये जाने वाला प्रसिद्ध भजन है।


तेरे पूजन को भगवान,

बना मन मंदिर आलीशान ।


किसने जानी तेरी माया,

किसने भेद तुम्हारा पाया ।

हारे ऋषि मुनि कर ध्यान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


तू ही जल में तू ही थल में,

तू ही मन में तू ही वन में ।

तेरा रूप अनूप महान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


तू हर गुल में तू बुलबुल में,

तू हर डाल के हर पातन में ।

तू हर दिन में मूर्तिमान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


तूने राजा रंक बनाए,

तूने भिक्षुक राज बैठाये ।

तेरी लीला अजब महान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


झूठे जग की झूठी माया,

मूरख इसमें क्यों भरमाया ।

कर जीवन का शुभ कल्याण,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


तेरे पूजन को भगवान,

बना मन मंदिर आलीशान ।


---- Extra Lines ----

किस ने देखि तेरी सूरत,

कौन बनावे तेरी मूरत ।

तू है निराकार भगवान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


पर्वत घाटी नदी समंदर,

तू रमता इन सब के अन्दर ।

तेरे बस में सकल जहान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


तू हैं वन में, तो प्राणन में,

तू तरु तरु के पातन में ।

कोई ना दूजा तेरे सामान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


जल में थल में तू ही समाया,

सब जग तेरा जलवा छाया ।

तू है, घट घट के दरमियान,

बना मन मंदिर आलीशान ॥


सूरज तेरी महिमा गावे,

चंदा तुझ पर बलि बलि जावे ।

इश्वर कर सब का कल्याण,

बना मन मंदिर आलीशान ॥

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

होलाष्टक का समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा (होलिका दहन) तक रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।