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तेरी अंखिया हैं जादू भरी: भजन (Teri Akhiya Hai Jadu Bhari)

तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


सुनलो मेरे श्याम सलोना,

तुमने ही मुझ पर,

कर दिया टोना,

मेरी अंखियाँ तुम्ही से लड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तुम सा ठाकुर और ना पाया,

तुमसे ही मैंने नेह लगाया,

मैं तो तेरे ही द्वार पड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


कृपा करो हरिदास के स्वामी,

बांके बिहारी अन्तर्यामी,

मेरी टूटे ना तुमसे लड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

मोहे लागी लगन गुरु चरणन की(Mohe Lagi Lagan Guru Charanan Ki)

अखंड-मंडलाकारं
व्याप्तम येन चराचरम

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे (Shree Ram Ji Ka Mandir Banayenge)

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे,
भगवा ध्वज लहरायेंगे,

महाकाल की नगरी मेरे मन को भा गई (Mahakal Ki Nagri Mere Maan Ko Bha Gayi)

मेरे भोले की सवारी आज आयी,
मेरे शंकर की सवारी आज आयी,

वैकुंठ धाम कहां है

वैकुण्ठ धाम एक ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता नहीं है, निष्क्रियता नहीं है। कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। सनातन धर्म में बैकुंठ धाम की बहुत चर्चा होती है।