नवीनतम लेख

तेरी जय हों जय हों, जय गोरी लाल(Teri Jay Ho Jay Ho Jay Gauri Lal)

तेरी जय हो जय हो,

जय गोरी लाल ॥


        दोहा 

हे जग दाता विश्व विधाता,

हे गणपति जी महाराज,

हे शिव सूत गौरी के लाला,

मेरे पूरण करियो काज ॥


तेरी जय हो जय हो,

जय गोरी लाल,

पूजू तेरा नाम,

करो सबको निहाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


पान फूल चढ़े चढ़ता है मेवा,

सारा जगत तेरी करता है सेवा,

भोग लगाऊं,

लेकर लड्डुओं का थाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


गणपत मेरे काज सवारो,

भरी सभा में आन पधारो,

भक्तों को कर देता तू मालामाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


राजू भी हरिपुरिया आए,

शुभम तिलकधारी गुण गाये,

सारे ही देता है संकट तू टाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल,

पूजू तेरा नाम,

करो सबको निहाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी (He Hans Vahini Gyan Dayini)

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे

श्री कृष्ण छठी की पौराणिक कथा (Shri Krishna Chhathi Ki Pauranik Katha)

भाद्रपद मास की छठी के दिन पूजा करने से भगवान होते हैं प्रसन्न, जानिए क्या है कृष्ण छठी की पौराणिक कथा

देव है ये भोले भक्तो का, खुद भी भोला भाला (Dev Hai Ye Bhole Bhakto Ka Khud Bhi Bhola Bhala)

देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,

किसे नहीं देखना चाहिए होलिका दहन

होली का त्योहार जितना रंगों और उमंग से भरा होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण इससे जुड़ी धार्मिक परंपराएं भी हैं। होलिका दहन एक पौराणिक परंपरा है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।

यह भी जाने