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मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


हर बात निराली है उसकी,

हर बात में है इक टेढापन,

टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


जितना दिल ने तुझे याद किया,

उतना जग ने बदनाम किया,

बदनामी का फल क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,

मुझे इस जग से बैगाना किया,

मैंने क्या खोया क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,

नजरो से मेरी हटता भी नहीं,

यह कैसा जादू चलाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता
है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में (Main Too Aai Vrindavan Dham Kishori Tere Charanan Main)

मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।

सब में कोई ना कोई दोष रहा (Sab Main Koi Na Koi Dosh Raha)

सब में कोई ना कोई दोष रहा ।
एक विधाता बस निर्दोष रहा ॥

रंग पंचमी कब है और इसका महत्व

रंग पंचमी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से भी जुड़ा हुआ है।

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