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मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


हर बात निराली है उसकी,

हर बात में है इक टेढापन,

टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


जितना दिल ने तुझे याद किया,

उतना जग ने बदनाम किया,

बदनामी का फल क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


तेरे प्यार ने दिल ये दीवाना किया,

मुझे इस जग से बैगाना किया,

मैंने क्या खोया क्या पाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मिलता भी है वो मिलता भी नहीं,

नजरो से मेरी हटता भी नहीं,

यह कैसा जादू चलाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

मोहन से दिल क्यूँ लगाया हैं,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने,

छलिया से दिल क्यूँ लगाया है,

ये मैं जानू या वो जाने ॥


भगवान शिव क्यों बने थे भिखारी

संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये (He Mere Gurudev Karuna Sindhu Karuna Keejiye)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

चैत्र शुक्ल कामदा नामक एकादशी व्रत-माहात्म्य (Chaitr Shukl Kaamda Naamak Ekaadashee Vrat-Maahaatmy)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।

कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा (Kahna Ve Assan Tera Janmdin Manavna)

रीझा भरी घडी यह आई,
घर घर होई रोशनाई

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