भजो रे भैया, राम गोविंद हरि: भजन (Bhajo Re Bhaiya Ram Govind Hari)

भजो रे भैया,

राम गोविंद हरि,

राम गोविंद हरि,

भजो रे भईया,

राम गोविंद हरि ॥


जप तप साधन,

कछु नहीं लागत,

खरचत नहिं गठरी,

भजो रे भईया,

राम गोविंद हरि ॥


संतत संपत,

सुख के कारण,

जासे भूल परी,

भजो रे भईया,

राम गोविंद हरि ॥


कहत कबीरा,

जिन मुख राम नहीं,

ता मुख धूल भरी,

भजो रे भईया,

राम गोविंद हरि ॥


भजो रे भैया,

राम गोविंद हरि,

राम गोविंद हरि,

भजो रे भईया,

राम गोविंद हरि ॥

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मासिक कार्तिगाई पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म में, कार्तिगाई का विशेष महत्व है। यह पर्व दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास दीपक जलाते हैं।

Sampurna Puja Vidhi ( संपूर्ण पूजा विधि )

सर्वप्रथम पूजन में भगवान गणपति का मन से स्मरण करना चाहिए,

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन (Jaya Radhe Jaya Krishna Jaya Vrindavan)

जय राधे, जय कृष्ण, जय वृंदावन । श्री गोविंदा, गोपीनाथ, मदन-मोहन ॥

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

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