चला फुलारी फूलों को (Chala Phulari Phulon Ko)

उत्तराखंड के कुमाऊं एवं गढ़वाल में फुलारी बच्चों द्वारा घर की खुशहाली तथा सुख सम्रद्धि के लिए गाया जाने वाला गीत।


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला


हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि फ्योंली लयड़ी

मैं घौर छोड्यावा

हे जी घर बौण बौड़ीगे ह्वोलु बालू बसंत

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


चला फुलारी फूलों को

सौदा-सौदा फूल बिरौला

भौंरों का जूठा फूल ना तोड्यां

म्वारर्यूं का जूठा फूल ना लायाँ


ना उनु धरम्यालु आगास

ना उनि मयालू यखै धरती

अजाण औंखा छिन पैंडा

मनखी अणमील चौतर्फी

छि भै ये निरभै परदेस मा तुम रौणा त रा

मैं घौर छोड्यावा

हे जी सार्यूं मा फूलीगे ह्वोलि


फुल फुलदेई दाल चौंल दे

घोघा देवा फ्योंल्या फूल

घोघा फूलदेई की डोली सजली

गुड़ परसाद दै दूध भत्यूल


अयूं होलू फुलार हमारा सैंत्यां आर चोलों मा

होला चैती पसरू मांगणा औजी खोला खोलो मा

ढक्यां द्वार मोर देखिकी फुलारी खौल्यां होला

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अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां (Amba Mai Utari Hai Baag Me)

अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।
(मैय्या, अम्बा माई उतरी हैं बाग में हो मां।)

मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे(Meri Jhopdi Ke Bhag Aaj Khul Jayenge)

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे,

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार (Aayo Aayo Re Shivratri Tyohaar)

आयो आयो रे शिवरात्रि त्यौहार,
सारा जग लागे आज काशी हरिद्वार,

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