दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी(De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


मात भी छोड़े, मैंने पिता भी छोड़े

छोड़ी जनकपुरी, छोड़ी जनकपुरी,

मेरे बाबुल की, बाबुल की


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


संग भी छोड़ा, मैंने साथ भी छोड़ा

छोड़ी संग सहेली, छोड़ी संग सहेली

मेरे बचपन की, बचपन की


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


सास भी छोड़े मैंने सुसर भी छोड़े

छोड़ी अवधपुरी, छोड़ी अवधपुरी,

मेरे ससुरा की, ससुरा की


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


राम भी छोड़े मैंने लक्ष्मण भी छोड़े

छोड़ी पंचवटी, छोड़ी पंचवटी

मेरे रघुवर की, रघुवर की


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


इतने मे हनुमत बोले सीता से,

इतने मे हनुमत बोले सीता से,

इसे मैं लेके आया, इसे मैं लेके आया


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी

इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

मेरे रघुवर की, रघुबर की


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सब रस रंग भरे है, रामायण जी में (Sab Ras Rang Bhare Hain Ramayan Ji Mein)

सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,

राम से बड़ा राम का नाम, जो सुमिरे भव पार हो जाए (Ram Se Bada Ram Ka Naam Jo Sumire Bhav Paar Ho Jaye)

राम से बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए,

हनुमत जय बजरंगबली (Hanumat Jay Bajrangbali)

हनुमत जय बजरंगबली,
आपका नाम जपा है जिसने,

राम नवमी 2025 तिथि और मुहूर्त

राम नवमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

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