देख लिया संसार हमने देख लिया(Dekh Liya Sansar Hamne Dekh Liya)

देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।


तन निरोग धन जेब में जब तक,

मन से सेवा करोगे जब तक

मानेगा परिवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


जिस जिस का विश्वास किया है,

उसने हमें निरास किया है

बनकर रिश्तेदार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


कही चोट लगजाये न तन को,

सभी समझते है निर्धन को

गिरती हुई दीवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


प्रतिभा का कुछ मोल नहीं है,

सफल सिध्द अनमोल वही है

जिसका प्रबल प्रचार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


संतो का संदेश यही है

मूल मंत्र हरि ओम यही है

हरि सुमिरन है सार हमने देख लिया

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।


देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।


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फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।

श्री शीतलनाथ चालीसा (Shri Sheetalnath Chalisa)

शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय ।
कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ।।

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

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