द्वारे चलिए मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

जय हो

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

ले आया, ले आया...

ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

होए, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

(द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए)

होए, आया, हो, आया...

होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलिए, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

(द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए)


जय माता की, जय माता की

सारे बोलो, "जय माता की"

जय माता की, जय माता की

सारे बोलो, "जय माता की"

हाँ, रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे

आई रुत मतवाली

जय माता की (जय माता की)

जय माता की (जय माता की)

रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, आई रुत मतवाली

"जय माँ, जय माँ, " कोयल बोले, बैठ आम की डाली

ऊँचे पर्वत, भवन सुनहरा, छाई है हरियाली

पिंडी रूप विराजे मैय्या, भक्तों की प्रतिपाली

आया, होए, आया...

होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

चलिए, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए


होए, भक्तों के चल पड़े हैं टोले

लाल ध्वजा लहराते

जय माता की (जय माता की)

जय माता की (जय माता की)

भक्तों के चल पड़े हैं टोले, लाल ध्वजा लहराते

झाँझ, मँजीरा, ढोलक ले गुणगान मैय्या का गाते

पाँव में पड़ गए हैं छाले, फिर भी चलते जाते

लाख मुसीबत आए, माँ के भक्त नहीं घबराते

होए, आया, होए, आया...

होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

(द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए)


जय माता की, जय माता की

सारे बोलो, "जय माता की"

जय माता की, जय माता की

सारे बोलो, "जय माता की"

अरे, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा

बन जा माँ का चाकर

जय माता की (जय माता की)

जय माता की (जय माता की)

ओए, छोड़ मोह दुनिया का, लक्खा, बन जा माँ का चाकर

कर ले अपनी सफ़ल ज़िंदगी माँ की शरण में आकर

सच है कितने पापी तर गए माँ की महिमा गाकर

फिर बोल सरल तू "जय माता की, " दोनों हाथ उठाकर

आया, होए, आया...

होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

चलो, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

(द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए)

ए, द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

(द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए)

होए, आया, होए, आया...

होए, आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए

(ले आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए)

आया सावन का मेला, लेने नज़ारे चलिए (जय हो)


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भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

आये है दिन सावन के (Aaye Hain Din Sawan Ke)

आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,
मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

शुक्रवार को किन मंत्रों का जाप करें?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन सुख, समृद्धि और वैभव के प्रतीक शुक्र देव की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने से धन और सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है।

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