सुन लो चतुर सुजान, निगुरे नहीं रहना - भजन (Sunlo Chatur Sujan Nigure Nahi Rehna)

निगुरे नहीं रहना

सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना...


निगुरे का नहीं कहीं ठिकाना चौरासी में आना जाना।

पड़े नरक की खान निगुरे नहीं रहना..


गुरु बिन माला क्या सटकावे मनवा चहुँ दिश फिरता जावे।

यम का बने मेहमान निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..


हीरा जैसी सुंदर काया हरि भजन बिन जनम गँवाया।

कैसे हो कल्याण निगुरे नहीं रहना..

सुन लो..


निगुरा होता हिय का अंधा खूब करे संसार का धंधा।

क्यों करता अभिमान निगुरे नहीं रहना.

सुन लो..


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मासिक जन्माष्टमी पर राशि अनुसार पूजा

हिंदू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा की जाती है और इसे कालाष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

फूलों में सज रहे हैं (Phoolon Mein Saj Rahe Hai)

फूलों में सज रहे हैं,
श्री वृन्दावन बिहारी,

दर्श अमावस्या पूजा विधि

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है, जो पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण देना और धूप देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

भीष्म अष्टमी पर करें गंगा स्नान

भीष्म अष्टमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वंश में संतान नहीं होती। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

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