सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


भटका हुआ मेरा मन था कोई, मिल ना रहा था सहारा।

लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा। मिल ना रहा हो किनारा।

इस लडखडाती हुई नव को जो किसी ने किनारा दिखाया,

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


शीतल बने आग चन्दन के जैसी राघव कृपा हो जो तेरी।

उजयाली पूनम की हो जाये राते जो थी अमावस अँधेरी। जो थी अमावस अँधेरी।

युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने जैसे सावन का संदेस पाया।

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो उस पर कदम मैं बड़ाऊ।

फूलों मे खारों मे पतझड़ बहारो मे मैं ना कबी डगमगाऊ। मैं ना कबी डगमगाऊ।

पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे जी भर के अमृत पिलाया।

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...

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फरवरी में कब है स्कंद षष्ठी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत कथा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है।

सुन राधिका दुलारी में (Sun Radhika Dulari Main)

सुन राधिका दुलारी में,
हूँ द्वार का भिखारी,

बिगड़ी बनाने आजा, एक बार मेरी मैया (Bigdi Banane Aaja Ek Baar Meri Maiya)

फूलों से सजाया है,
दरबार मेरी मैया,

मासिक जन्माष्टमी पर पूजन

सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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