श्री राम से कह देना, एक बात अकेले में: भजन (Shri Ram Se Keh Dena Ek Baat Akele Me)

श्री राम से कह देना,

एक बात अकेले में,

रोता है भरत भैया,

दिन रात अकेले में,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में ॥ 


वन वासी गए वन में,

फिर भी तो यही मन में,

रटता हूँ राम रटना,

रटता हूँ राम रटना,

दिन रात अकेले में,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में ॥


रो रो के बिताये है,

कई साल अयोध्या में,

आँखों से बहे आंसू,

आँखों से बहे आंसू,

दिन रात अकेले में,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में,

रोता है भरत भैया,

दिन रात अकेले में ॥


इस राज की ममता ने,

भाई से विछोभ किया,

ये भेद किया माँ ने,

ये भेद किया माँ ने,

और भाई सोतेले ने,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में,

रोता है भरत भैया,

दिन रात अकेले में ॥


है लक्ष्मण बडभागी,

रहता प्रभु चरणों में,

मुझे मौत नहीं आती,

मुझे मौत नहीं आती,

दुनिया के अँधेरे में,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में,

रोता है भरत भैया,

दिन रात अकेले में ॥


श्री राम से कह देना,

एक बात अकेले में,

रोता है भरत भैया,

दिन रात अकेले में,

श्रीं राम से कह देना,

एक बात अकेले में ॥

........................................................................................................
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।

जिसने मरना सीखा लिया है (Jisane Marana Seekh Liya Hai)

जिसने मरना सीखा लिया है,
जीने का अधिकार उसी को ।

तेरी तुलना किससे करूं माँ(Teri Tulna Kisse Karu Maa)

तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।