तन रंगा मेरा मन रंगा (Tan Ranga Mera Mann Ranga)

तन रंगा मेरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा,

सीता जी के रंग में,

राम जी रंग में,

राधेश्याम जी रंग में,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥


ओढ़ी है जबसे मैंने प्रेम की चुनरिया,

सीताराम रटते रटते बीते री उमरिया,

राधेश्याम रटते रटते बीते री उमरिया,

राम के सिवा ना कोई,

श्याम के सिवा ना कोई,

सूझे रे डगरिया,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥


बांह पकड़ के मेरी दे दे सहारा,

राम प्रभु जी मैंने तुझको पुकारा,

श्याम प्रभु जी मैंने तुझको पुकारा,

तेरी दया से मिले,

तेरी कृपा से मिले,

सबको किनारा,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥


पाऊं कहाँ मैं तुझको कुछ तो बता दे,

जनम मरण से तू मुझको बचा ले,

खुद को किया रे मैंने तेरे हवाले,

तेरा ही रूप हूँ मैं,

मेरा ही रूप है तू,

खुद में छिपा ले,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥


तेरी शरण में आया और कहाँ जाऊं,

तुझसे ही बिछड़ा हूँ मैं तुझमे समाऊँ,

चरणों में धाम चारों यहीं सर झुकाऊं,

यही मुझे जीना प्रभु जी,

यही मुझे जीना प्रभु जी,

यही मर जाऊं,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥


तन रंगा मेरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा,

सीता जी के रंग में,

राम जी रंग में,

राधेश्याम जी रंग में,

तन रंगा मेंरा मन रंगा,

इस रंग में अंग अंग रंगा ॥

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