तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है,

हर और निराले जलवे हैं,

जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


पत्थर को चीर चट्टानों से,

क्या सुन्दर गुफा बनाई है,

चरणों से निकली गंगधारा,

ये कैसी लीला रचाई है,

हर डाल डाल हर पत्ते में,

माँ नूर तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


दरबार में ध्यानु ने आकर,

सर काट के अपना चढ़ाया था,

माँ शक्ति आद्य भवानी ने,

फिर चमत्कार दिखलाया था,

ध्यानु के सर को जोड़ दिया,

उपकार तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


‘बलवीर’ कहे सुन जगदम्बे,

क्यों दर से मुझे भुलाया है,

‘आयोजिका’ कहे सुन जगदम्बे,

क्यों दर से मुझे भुलाया है,

एक बार करम अपना कर दो,

माँ दास तुम्हारा आया है,

मैं कैसे सबर करूँ दिल में,

दीदार तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


तेरे द्वार पे आने वालो ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है,

हर और निराले जलवे हैं,

जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥

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मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो(Mere Raghav Ji Utrenge Paar, Ganga Maiya Dheere Baho)

मेरे राघव जी उतरेंगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो,

फरवरी 2025 पहला प्रदोष व्रत

साल 2025 के फरवरी माह में प्रदोष व्रत से लेकर महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व हैं। इसलिए, यह महीना भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा के लिए बेहद शुभ है।

गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो (Gauri Ke Putra Ganesh Ji Mere Ghar Mein Padharo)

गौरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥

किसे नहीं देखना चाहिए होलिका दहन

होली का त्योहार जितना रंगों और उमंग से भरा होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण इससे जुड़ी धार्मिक परंपराएं भी हैं। होलिका दहन एक पौराणिक परंपरा है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।

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