तुझसा दयालु नहीं प्यारे - भजन (Tujh Sa Dayalu Nahi Pyare)

तुझसा दयालु नहीं प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


श्रुति कहे जगत पिता है तू ही प्यारे,

बन्यो यशोमति सूत प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


अंगूठा छाप सखन को प्यारे,

बन गयो घोड़ा प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


गोपिन ने तू छाछ पर प्यारे,

नाचे थई थई प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


तुम कृपालु प्रेमिन वश प्यारे,

अब हूँ जान्यो प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥

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बांके बिहारी मुझको देना सहारा (Banke Bihari Mujhko Dena Sahara)

बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥

तुलसी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

वैकुण्ठ चतुर्दशी की कथा (Vaikunth Chaturdashi Ki Katha)

वैकुण्ठ चतुर्दशी को लेकर एक कथा काफी प्रचलित है। इस कथा के अनुसार एक बार श्रीहरि विष्णु देवाधिदेव शंकर जी का पूजन करने के लिए काशी आए थे।

जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है (Jisne Di Hai Mujhe Pahchan Vo Anjani Ka Lala Hai)

जिसने दी है मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है,

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