विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
बिना तेरी दया कोई,
नहीं आनन्द पाता है ॥

तितिक्षा को कसौटी से,
जिसे तू जांच लेता है ।
उसी विद्याधिकारी को,
अविद्या से छुड़ाता है ॥

सताता जो न औरों को,
न धोखा आप खाता है ।
वही सद्भक्त है तेरा,
सदाचारी कहाता है ॥

सदा जो न्याय का प्यारा,
प्रजा को दान देता है ।
महाराजा ! उसी को तू,
बड़ा राजा बनाता है ॥

तजे जो धर्म को,
धारा कुकर्मों को बहाता है ।
न ऐसे नीच पापी को,
कभी ऊंचा चढ़ाता है ॥

स्वयंभू शंकरानन्दी तुझे जो जान लेता है ।
वही कैवल्य सत्ता की महत्ता में समाता है ॥

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हो होली खेलत आज युगल जोड़ी(Holi Khelat Aaj Jugal Jodi)

हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत

श्री शिवमङ्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने ।

भगवा रंग चढ़ने लगा है(Bhagwa Rang Chadne Laga Hai)

मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,

हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम (Hai Nam Re Sabse Bada Tera Nam)

काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,

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