विनती सुनलो मेरे गणराज (Vinti Sun Lo Mere Ganraj)

विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


हे गोरिनंदन हे गणराया प्रथम पूज्य होने क़ा वरदान पाया,
भगतों के संग मिलकर आपको मनाऊ ,
चरणों मे तेरे देवा हाजरी लगाऊ,
लाज रखना हमारी प्रभु काज मेरे सकल कीजिए,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


मंगल मूर्ती बनके मंगल करते चिंतामन बनके चिंताएं हरते,
जहाँ विघ्नहर्ता हो तुम विघ्न नही आते,
सिद्धि विनायक हो तुम सिद्धि लुटाते,
तेरे दर्शन सुबह शाम हो जिंदगी में वो पल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥

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सत्यनारायण पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)

व्रत करने वाला पूर्णिमा व संक्रान्ति के दिन सायंकाल को स्नानादि से निवृत होकर पूजा-स्थान में आसन पर बैठ कर श्रद्धा पूर्वक गौरी, गणेश, वरूण, विष्णु आदि सब देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं सत्यनारायण स्वामी का पूजन तथा कथा-श्रवण सदैव करूंगा ।

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है

रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा (Natvar Nagar Nanda Bhajo Re Mann Govinda)

नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,

टूटी झोपड़िया मेरी माँ (Tuti Jhupdiya Meri Maa Garib Ghar Aajana)

टूटी झोपड़िया मेरी माँ,
गरीब घर आ जाना ।

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