विनती सुनलो मेरे गणराज (Vinti Sun Lo Mere Ganraj)

विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


हे गोरिनंदन हे गणराया प्रथम पूज्य होने क़ा वरदान पाया,
भगतों के संग मिलकर आपको मनाऊ ,
चरणों मे तेरे देवा हाजरी लगाऊ,
लाज रखना हमारी प्रभु काज मेरे सकल कीजिए,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


मंगल मूर्ती बनके मंगल करते चिंतामन बनके चिंताएं हरते,
जहाँ विघ्नहर्ता हो तुम विघ्न नही आते,
सिद्धि विनायक हो तुम सिद्धि लुटाते,
तेरे दर्शन सुबह शाम हो जिंदगी में वो पल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥


विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥

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मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना, राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

पौष मास है छोटा पितृ पक्ष

पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। सूर्यदेव के कन्या राशि में आने पर होने वाले मुख्य पितृ पक्ष के अलावा इस माह में भी श्राद्ध तथा पिंडदान के अलावा भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

फरवरी में कब है स्कंद षष्ठी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत कथा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

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