डमक डम डमरू रे बाजे (Damak Dam Damroo Re Baje)

डमक डम डमरू रे बाजे,

चन्द्रमा मस्तक पर साजे,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

गले में पड़ी सर्प की माला,

हाथ त्रिशूल कान में बाला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


बनकर के नटराज सदाशिव,

अद्भुत कला दिखाए,

डम डम डमरू बजे हाथ में,

ताल से ताल मिलाए,

छान के भांग का गोला,

जटा बिखरा के भोला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


देख के रूप अनोखा शिव का,

गौरा मन हर्षाए,

नभ मंडल से देवी देवता,

शिव पे फूल बरसाए,

है कैलाश पे अजब नज़ारे,

बाजे ढोलक झांझ नगाड़े,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


जैसे जैसे चरण थिरकते,

मन होता मतवाला,

नित गाता है महिमा ‘लख्खा’,

भोले देव निराला,

मगन मन भक्तो का टोला,

झूम के ‘गिरी’ है ये बोला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥


डमक डम डमरू रे बाजे,

चन्द्रमा मस्तक पर साजे,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

गले में पड़ी सर्प की माला,

हाथ त्रिशूल कान में बाला,

नाचे भोला हर हर हर हर बम,

नाचे भोला हर हर हर हर बम ॥

........................................................................................................
सोहर: जुग जुग जियसु ललनवा (Sohar: Jug Jug Jiya Su Lalanwa Ke)

जुग जुग जियसु ललनवा,
भवनवा के भाग जागल हो,

करदो करदो बेडा पार राधे अलबेली सरकार - भजन (Kardo Kardo Beda Paar Radhe Albeli Sarkar)

करदो करदो बेडा पार,
राधे अलबेली सरकार ।

होलाष्टक के यम-नियम क्या हैं

हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पहले आठ दिनों की एक विशेष अवधि है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक चलती है। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

ज्वारे और अखंड ज्योत की परंपरा

तैत्तिरीय उपनिषद में अन्न को देवता कहा गया है- अन्नं ब्रह्मेति व्यजानत्। साथ ही अन्न की निंदा और अवमानना ​​का निषेध किया गया है- अन्नं न निन्द्यात् तद् व्रत। ऋग्वेद में अनेक अनाजों का वर्णन है I

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने