लोरी सुनाए गौरा मैया(Lori Sunaye Gaura Maiya)

लोरी सुनाए गौरा मैया,

झूला झूले गजानंद,

रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,

रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,

झूला झूले गजानंद,

लोरी सुनाए गोरा मैया,

झूला झूले गजानंद ॥


शिव शंकर का डमरू बाजे,

नारद नाचे नंदी नाचे,

ठंडी ठंडी चले पुरवैया,

ठंडी ठंडी चले पुरवैया,

झूला झूले गजानंद,

लोरी सुनाए गोरा मैया,

झूला झूले गजानंद ॥


कोई पीताम्बर पहनाए,

आँखों में कोई कजरा लगाए,

लागे ना देवा तुमको नजरिया,

लागे ना देवा तुमको नजरिया,

झूला झूले गजानंद,

लोरी सुनाए गोरा मैया,

झूला झूले गजानंद ॥


मंगल गीत यहाँ देवियां गाए,

सुर नर मुनि सब पर्व मनाए,

खुश है निरंजन सारी दुनिया,

खुश है निरंजन सारी दुनिया,

झूला झूले गजानंद,

लोरी सुनाए गोरा मैया,

झूला झूले गजानंद ॥


लोरी सुनाए गौरा मैया,

झूला झूले गजानंद,

रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,

रिमझिम रिमझिम बरसे बदरिया,

झूला झूले गजानंद,

लोरी सुनाए गोरा मैया,

झूला झूले गजानंद ॥


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शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

शेरावाली के दरबार में, होती है सुनवाई (Sherawali Ke Darbar Mein Hoti Hai Sunwai)

शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ(Hey Shambhu Baba Mere Bhole Nath)

शिव नाम से है,
जगत में उजाला ।

शेरावाली का सच्चा दरबार है (Sherawali Ka Sacha Darbar Hai)

शेरावाली का सच्चा दरबार है,
यहाँ पे भरते भक्तो के भंडार है,

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