बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।
माँ तू है अनमोल,
जो जाने मेरे बोल,
श्रीमद्भगवद भगवत गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं ‘जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होगी, तब-तब मैं जन्म लूंगा।’
कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,