माता रानी ने कृपा बरसाई - भजन (Mata Rani Ne Kripa Barsayi)

माता रानी ने कृपा बरसाई

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

माता रानी ने कीती सुनवायी

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई


ओने मेरे सारे रह खोल

मेरे सारे रुक्के कम शुद्ध होए

मेरी माया मेरी,

मेरी माया मेरी शुद्ध लेन आई

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई


माता रानी आपे दौड़ी दौड़ी आई

एक हर खुशी मेरी झोली पाई

मेरी अम्बे ने,

मेरी अम्बे ने कीट्टी सुनवायी

मेरी हर गल पुरी हुनिद आई


अज मेरी मईया मेरे कर आई

कुशियां दे सागर विच दुबकी लगायी

मेरी दत्ती ने,

मेरी दत्ती ने कीति सुनवायी

मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

........................................................................................................
मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

भोले नाथ का मैं बनजारा (Bholenath Ka Main Banjara)

भोले नाथ का मैं बनजारा,
छोड़ दिया मैंने जग सारा,

काल क्या करेगा महाकाल के आगे (Kaal Kya Karega Mahakal Ke Aage)

कर लूँगा दो-दो बात मैं,
उस काल के आगे,

आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां (Aalha Ki Dhwaja Nahin Aayi Ho Maa)

तीन ध्वजा तीनों लोक से आईं
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो मां

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने