क्यों खास होता है फाल्गुन मास

आखिर क्यों खास होता है फाल्गुन का महीना? जानिए महत्व और धार्मिक मान्यता



सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम महीना फाल्गुन मास होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है। फाल्गुन का महीना  महादेव और भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। क्योंकि, इस माह में महाशिवरात्रि और होली समेत कई त्योहार मनाए जाते हैं। इस महीने में आने वाले त्योहार महाशिवरात्रि, होली, विजया-आमलकी एकादशी, आदि खास माने गए हैं। फाल्गुन में किए गए कार्य से धन-संपदा, समृद्धि प्राप्त होती है। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि आखिर फाल्गुन महीना इतना खास क्यों है और इसका क्या महत्व है।
 

क्यों खास होता है फाल्गुन का महीना? 


फाल्गुन मास माह मुंडन, ग्रृह प्रवेश और मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ होता है, इस बार फाल्गुन महीने का प्रारंभ 13 फरवरी से हो रहा है और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, 14 मार्च, शुक्रवार को इसका समापन होगा। बता दें कि, फाल्गुन मास में आने वाले पर्व और व्रत सकारात्मक ऊर्जाओं से भरे होते हैं। फाल्गुन माह को हिंदू कैलेंडर में बारहवां महीना माना जाता है। विजया एकादशी, महाशिवरात्रि, होली आदि कुछ प्रमुख त्योहार फाल्गुन माह में मनाए जाते हैं। विजया एकादशी भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए मनाई जाती है। महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का त्योहार है। फाल्गुन माह में फाल्गुन पूर्णिमा या होली एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाई जाती है। इसे "रंगों के त्योहार" के नाम से भी जाना जाता है।

 

जानिए क्या है फाल्गुन मास की मान्यता? 


धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस माह में चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था। फाल्गुन में चंद्र देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसलिए, जिनकी कुंडली में चंद्र दोष है उन्हें इस माह में चंद्रमा की उपासना करनी चाहिए। इससे कुंडली में से चंद्र दोष को समाप्त किया जा सकता है।


क्यों पड़ा इस महीने का नाम फाल्गुन?


वैदिक पंचांग के अनुसार, हिंदू कैलेंडर के सभी नामों का नाम नक्षत्रों के नाम पर ही रखा गया है। दरअसल, प्रत्येक महीने की पूर्णिमा तिथि के बाद चंद्रमा जिस नक्षत्र में भी होता है, उस महीने का नाम उसी आधार पर रखा जाता है। इस कारण जब चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो फाल्गुन मास की शुरुआत होती है। 


इस माह जरूर करें ये काम


विशेष लाभ पाने हेतु फाल्गुन मास में भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण समेत सभी देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। हालांकि, फाल्गुन माह में तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही फाल्गुन महीने में सामान्य पानी से स्नान करना उत्तम माना जाता है। साथ ही इस माह में बड़े बुर्जगों और महिलाओं का भूल से भी अपमान नहीं करना चाहिए। 


फाल्गुन में दान से मिलेगा विशेष लाभ 


माघ मास की तरह फाल्गुन मास में भी दान का विशेष महत्व है। इस माह में जरूरतमंदों की अपनी योग्यता के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।  

........................................................................................................
राधे राधे कहिए लगदे नहीं रुपये(Radhe Radhe Kahiye Lagde Nahi Rupaiye )

राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये

वेंकटेश्वर भगवान की पूजा कैसे करें

वेंकटेश्वर भगवान को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। तिरुमाला के वेंकटेश्वर मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित है, जो विश्व के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

रात भादो की थी, छाई काली घटा(Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata)

रात भादो की थी,
छाई काली घटा,

मुरख बन्दे, क्या है रे जग मे तेरा (Murakh Bande Kya Hai Re Jag Me Tera)

ओ मुरख बन्दे,
क्या है रे जग मे तेरा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।