तेरी चौखट पे ओ बाबा, जिंदगी सजने लगी(Teri Chaukhat Pe O Baba Zndagi Sajne Lagi)

तेरी चौखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी,

जिंदगी सजने लगी मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


जो भी तेरे दर पे आया,

कुछ ना कुछ ले के गया,

होले होले ही सही मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


ढूंढ आया सारे जग में,

देव तुमसा ना मिला,

तेरा दरवाजा खुला और,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तू ही मूरत तू ही तीरथ,

तू ही सब कुछ है मेरा,

हाथ जो तुमने ये थामा,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तेरी नजरे ओ बालाजी,

‘पंकज’ पे रखना सदा,

छोटी सी ख्वाहिश ‘अमित’ की,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥


तेरी चौखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी,

जिंदगी सजने लगी मेरी,

जिंदगी सजने लगी,

तेरी चौंखट पे ओ बाबा,

जिंदगी सजने लगी ॥

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प्रदोष व्रत पर क्या करें या न करें

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को (स्नान, दिन और रात के समय के अनुसार) किया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में।

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