बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


तेरी दुनिया में नहीं आता,

बाबा कोई काम है,

कहते है खाटू विच,

मिलता आराम है,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


मैं भी हार के आया था बाबा,

कभी तेरे द्वार पे,

सर पे रखा था मेरे,

हाथ तूने प्यार से,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


मेरी बिगड़ी बनाई,

अब इनकी बनानी है,

यूँ ही नहीं बाबा तेरी,

दुनिया दीवानी है,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


तेरी पड़ेगी नजर,

दुनिया फेरेगी नजर,

तेरी ही कृपा का बाबा,

होवेगा असर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

........................................................................................................
राम नाम के दीवाने, पूजे जिनको दुनिया माने(Ram Naam Ke Deewane Puje Jinko Duniya Mane)

राम नाम के दीवाने,
पूजे जिनको दुनिया माने,

गोदावरी देवी की पूजा कैसे करें?

गोदावरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा माना जाता है। गोदावरी को पवित्र नदी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके जल में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मन शुद्ध होता है।

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा (Bhari Unki Ankho Mein Hai Kitni Karuna)

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
जाकर सुदामा भिखारी से पूछो

भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है मार्गशीर्ष, जानिए कैसे करें इस माह में उनकी पूजा

मार्गशीर्ष माह कब शुरू हो रहा है? ये श्रीकृष्ण की पूजा के लिए क्यों है खास? इस आलेख में जानें कार्तिक माह के बाद आने वाले मार्गशीर्ष के महत्व और लाभ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।