तेरे दर पे ओ मेरी मईया(Tere Dar Pe O Meri Maiya)

तेरे दर पे ओ मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पे ओ मेरी मैया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


हो जाए करम उसपे जपे,

जो तेरी माला,

तू चाहे तो खुल जाए,

तकदीर का ताला,

माँ की ज्योति से,

नूर मिलता है,

चैन मिलता है,

सुरूर मिलता है,

जो भी आता है,

मईया जी तेरे दर पे,

कुछ ना कुछ तो,

जरूर मिलता है,

अपने भक्तों से,

तू तो प्यार करें,

बेटा रूठे ना,

इतनी दुलार करें,

ममता तेरे आंचल का माँ,

हम तो पाने आए हैं,

तेरे दर पें ओं मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


तेरे दर पे माँ भिखारी भी,

धनवान हो जाए,

निर्बल भी शक्ति पाके,

तो बलवान हो जाए,

माँ गिरते को,

तुमने थाम लिया,

बेसहारों को भी सहारा दिया,

उसके किस्मत सवर गई,

जिसने सच्चे दिल से मईया जी,

तेरा नाम लिया,

अर्जी सुन ले तू,

बेटे की मैया,

पार लगा दे तू,

जीवन की नैया,

हाले दिल अपना ओ मईया,

तुझको सुनाने आए है,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पें ओं मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥


तेरे दर पे ओ मेरी मईया,

तेरे दीवाने आए हैं,

भर दे झोली मईया भोली,

बिगड़ी बनाने आए हैं,

तेरे दर पे ओ मेरी मैया,

तेरे दीवाने आए हैं ॥

........................................................................................................
माघ माह में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत?

सनातन धर्म में माघ महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन होती है।

गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन,
करे सारो परिवार,

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने