मेरे तो आधार हैं, भोलेनाथ के चरणारविन्द(Mere To Aadhar Hai Bholenath Ke Charnarvind)

मेरे तो आधार है,

भोलेनाथ के चरणारविन्द,

भोले के चरणारविन्द,

बाबा के चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


भोर भये गंगाजल लेकर,

बाबा तेरे मंदिर आऊं,

धुप दीप नैवैद्य चढ़ाकर,

भोले तेरा ही गुण गाऊं,

नैनो से निहारूं बाबा,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


इन प्यासे नैनो को बाबा,

दर्शन दो काशी के वासी,

मन का मेल मिटाकर मुझको,

अपना लो भोले अविनाशी,

मंजिल मुझे दिखाए बाबा,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


कावड़ियों का एक सहारा,

वैद्यनाथ सुखधाम तुम्हारा,

तन्मयता से चलते चलते,

बोल रहे बम बम का नारा,

विपदाओं से सदा उबारे,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


भूतनाथ भोले भंडारी,

जग प्रतिपालक भव भयहारी,

तेरी कृपा से भवसागर में,

चलती है ये नाव हमारी,

सभी दुखो से पार लगाते,

तेरे ही चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


मेरे तो आधार है,

भोलेनाथ के चरणारविन्द,

भोले के चरणारविन्द,

बाबा के चरणारविन्द,

मेरे तो आधार हैं,

भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥


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भगवा रंग चढ़ने लगा है(Bhagwa Rang Chadne Laga Hai)

मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,

मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

शंकर के द्वारे चले काँवरिया (Shankar Ke Dware Chale Kavariya)

शंकर के द्वारे चले काँवरिया
भोले के प्यारे चले काँवरिया

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