होलिका दहन की राख से धनलाभ

होलिका दहन के बाद घर लाएं होली की राख, प्रस्न्न होंगी माता लक्ष्मी, साल भर मिलेगा धन लाभ


होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है, इसे छोटी होली भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और सच्ची भक्ति का प्रतीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होलिका दहन के बाद होली की राख घर लानी कितना फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं होलिका दहन के उपाय और उसकी राख के बारे में जो आपके घर में समृद्धि और धन में इजाफा कर सकती है। 



होलिका दहन की राख देगी धनलाभ


  • घर के आसपास या शहर में जहां कहीं भी होलिका दहन हो रहा हो वहां से अग्नि ठंडी होने के बाद होली की राख उठाकर अपने घर ले आएं।
  • फिर एक लाल कपड़ा लें और उसमें राख डालकर कसकर बांधते हुए पोटली बना लें। अब अपने घर, दुकान, व्यवसाय की सभी तिजोरियां में पोटलियां रख दें। ये राख अगले साल होलिका दहन के दिन तक रखें और फिर बदल दें। कहा जाता है कि होलिकादहन की राख बुरी नजर से आपके धन की रक्षा करती है। 
  • होलिका दहन की राख को एक पैकेट में रख कर उसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं। इससे आपको धन लाभ होगा।
  • अगर आप पर बहुत सारे लोन हैं या अपना कर्ज चुकाने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं तो होलिका दहन की राख को किसी बहती हुई नदी में डाल दें और प्रणाम करें। धीरे-धीरे आर्थिक तंगी कम होगी और लोन से भी छुटकारा मिलेगा। 



होलिका दहन की राख से मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य


  • यदि आप होलिका दहन की राख से माथे पर तिलक लगाते हैं तो आपके शरीर से नकारात्मकता खत्म होती है। ये उपाय आपकी बुरी नजर से रक्षा करता है। 
  •  इसके अलावा कुछ जगह पानी में थोड़ी सी राख डालकर उससे स्नान करने की भी सलाह दी जाती है। यह आपको नवग्रह के बुरे प्रभाव से बचाने में कारगर होता है।



नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलेगी


होलिका दहन की राख लाकर उसे शंख जल में डालें और घर के हर कोने में छिड़क दें। इससे आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। 


........................................................................................................
मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,

ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

दिवाली से पहले हनुमान पूजा

हनुमान पूजा या जयंती को लेकर लोगों के मन में हमेशा संशय रहता है, क्योंकि साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

श्री महाकाली चालीसा (Shri Mahakali Chalisa)

जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,
देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।