प्रदोष व्रत के नियम

प्रदोष व्रत के दिन इन कार्यों की होती है मनाही, जानें नियम


शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन कुछ गलतियों को करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रदोष व्रत के कुछ नियमों का पालन करना भी अनिवार्य माना गया है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के नियम... 

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 


वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 जनवरी को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन प्रदोष काल के दौरान पूजा की जाती है। ऐसे में 11 जनवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। वहीं 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 26 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत के नियम


  • भगवान शिव की पूजा अर्चना करते समय कभी भी शिवलिंग की पूर्ण परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को नारियल चढ़ाया जाता है लेकिन भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग पर नारियल का पानी भूल से भी अर्पित नहीं करना चाहिए। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव की पूजा में कभी भी हल्दी या सिंदूर का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। 
  • मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की पूजा अर्चना के दौरान महिलाओं को शिवलिंग का स्पर्श नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से माता पार्वती क्रोधित होती हैं। 
  • प्रदोष व्रत वाले दिन व्यर्थ के लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए। इस दिन किसी को अपशब्द बोलने या किसी का भी अपमान करने से बचना चाहिए। 
  • मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत वाले दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उन्हें अन्न, चावल, और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष व्रत वाले दिन काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए। इस दिन काले रंग का कपड़ा पहनना वर्जित माना जाता है।

........................................................................................................
बाबा का दरबार सुहाना लगता है (Baba Ka Darbar Suhana Lagta Hai)

बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥

सभी देवो से सुंदर है, मेरे हनुमान जी का दिल (Sabhi Devo Se Sundar Hai Mere Hanuman Ji Ka Dil)

सभी देवो से सुंदर है,
मेरे हनुमान जी का दिल,

माता चंडी की पूजा विधि

मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।

सब देव चले महादेव चले(Sab Dev Chale Mahadev Chale)

सब देव चले महादेव चले,
ले ले फूलन के हार रे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।