प्रदोष व्रत शुभ योग

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर हो रहा है इन शुभ योग का निर्माण, पूजा से मिलेगा दोगुना फल


सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जनवरी माह के पहले प्रदोष व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस वजह से यह तिथि और भी फलदायी मानी जा रही है। आइए यहां जानते हैं कि इस दिन किन शुभ योग का निर्माण हो रहा है?


प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 


वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 जनवरी को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन प्रदोष काल के दौरान पूजा की जाती है। ऐसे में 11 जनवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। वहीं 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 26 मिनट तक है। 


प्रदोष व्रत शुभ योग


शनि प्रदोष व्रत के दिन 4 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। पहला है शुक्ल योग जो कि प्रात:काल से लेकर सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से ब्रह्म योग बनेगा।  बता दें कि शिव पूजा के समय ब्रह्म योग रहेगा। इसके बाद प्रदोष वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस समय में अमृत सिद्धि योग भी बना रहेगा। साथ ही इस दिन रोहिणी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक है, उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। 


प्रदोष पूजन मंत्र



  • ॐ नमः शिवाय।
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
  • ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
  • ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

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पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

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