वे मनमोनेआ बालक नाथा (Ve Manmoneya Balak Natha)

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

एक चिमटा बनाया बाबा तेरे नाम दा,
ओह भी धूने विच पाया बाबा तेरे नाम दा ॥

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

एक चोली बनायी बाबा तेरे नाम दी,
ओह मुंडे विच पायी बाबा तेरे नाम दी ॥

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

एक सिंघी बनायी बाबा तेरे नाम दी,
ओह वी गले विच पायी बाबा तेरे नाम दी ॥

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

एक रोट बनाया बाबा तेरे नाम दा,
ओह वी मंदिर चढ़ाया बाबा तेरे नाम दा ॥

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

वे मनमोनेआ बालक नाथा कदों बुलावेंगा,
तेरा शाहतलाईया डेरा, बाबा कादो बुलावेंगा ॥

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भोले की किरपा, जिस पर भी रहती है (Bhole Ki Kripa Jis Par Bhi Rahti Hai)

भोले की किरपा,
जिस पर भी रहती है,

एकादशी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि साल में कुल 24 एकदशी पड़ती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं।

लोरी सुनाए गौरा मैया(Lori Sunaye Gaura Maiya)

लोरी सुनाए गौरा मैया,
झूला झूले गजानंद,

बाबा मेहंदीपुर वाले, अंजनी सूत राम दुलारे (Baba Mehandipur Wale, Anjanisut Ram Dulare)

बाबा मेहंदीपुर वाले,
अंजनी सूत राम दुलारे,

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