सूर्यग्रहण का इन तीन राशियों पर असर

Surya Grahan 2025: सूर्यग्रहण के साथ शनि गोचर का महासंयोग, इन 3 राशियों की बदल जाएगी किस्मत


29 मार्च के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शनि देव भी मीन राशि में गोचर करेंगे। यह एक दुर्लभ महासंयोग है जो राशियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। आसान भाषा में बात करें तो यह सूर्यग्रहण कुछ राशियों के लिए लाभकारी होगा तो वहीं कुछ राशियों के लिए यह चुनौतियां खड़ी कर सकता है। अब किन राशियों के लिए यह सूर्यग्रहण लाभकारी होगा, चलिए आर्टिकल के जरिए आपको बताते हैं…


इन राशियों की चमक सकती है किस्मत


कन्या राशि कन्या राशि के जातकों के लिए शनि-राहु की युति एक सकारात्मक संकेत है, जो धन और सफलता की दिशा में मददगार साबित हो सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों को अपने उच्चाधिकारियों से सहयोग प्राप्त होगा, जिससे उनके वेतन में वृद्धि हो सकती है। इस समय आपके साथ भाग्य भी होगा, और जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त, नए घर या संपत्ति खरीदने का भी शुभ अवसर उत्पन्न हो सकता है।

कर्क राशि कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय शुभ रहेगा। आपके पेशेवर जीवन में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस दौरान आपको नए आय के स्रोत प्राप्त हो सकते हैं, और आपकी मेहनत का सकारात्मक परिणाम मिलेगा। आपके आसपास के लोग आपको समझेंगे और हर कदम पर आपका समर्थन करेंगे।

वृषभ राशि सूर्यग्रहण और शनि-राहु का मेल वृषभ राशि के जातकों के लिए आय में वृद्धि और समृद्धि का संकेत है। इस समय आपके रिश्तों में स्नेह बढ़ेगा, और दोस्तों तथा परिवार का पूर्ण समर्थन मिलेगा, जिससे आपकी लंबित योजनाएं पूरी हो सकेंगी। जो भी निवेश आप इस समय करेंगे, वह भविष्य में अच्छा मुनाफा दे सकता है और आपकी वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाएगा।

यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है। इसमें दी गई जानकारी का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे अंधविश्वास के रूप में न लें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय विशेषज्ञ की सलाह से ही लें।


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गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो(Gira Ja Raha Hu Utha Lo)

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,
गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

भीष्म अष्टमी की कथा-महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के युद्ध में गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी भीष्म पितामह ने अपने इच्छामृत्यु के वरदान के कारण तत्काल देह त्याग नहीं किया।

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

आरती श्री कुंज बिहारी जी की (Aarti Shri Kunj Bihari Ji Ki)

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

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