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आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
जगत जननी जग की विस्तारिणि, नित्य सत्य साकेत-विहारिणि,
परम दयामयी दीनोद्धारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की......
सती शिरोमणि पति हितकारिणि ,पति सेवा हित वन-वन चारिणि,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणि, त्याग धर्म मूरति धारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की......
विमल कीर्ति सब लोकन छाई, नाम लेत पावन मति आई,
सुमिरत कटत कष्ट दुखदाई, शरणागत जन भय-हारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की....
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
बोलिये रघुपतिप्रिय माता जानकी की जय
सीता माता की आरती करने के लिए सभी दिन शुभ होते हैं, लेकिन इन दिनों को विशेष माना जाता है-
शुक्रवार
पूर्णिमा तिथि
राम नवमी (चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि)
विवाह पंचमी (मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि- विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और मां सीता जी के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है)
वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन सीता नवमी पर भी माता सीता की आरती करना शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, आप सीता माता जी की आरती किसी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं, जैसे कि:
सुबह सूर्योदय के समय
शाम सूर्यास्त के समय
रात्रि में दीपक जलाने के समय
आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान सीता माता जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
पतिव्रता धर्म की प्राप्ति: सीता माता जी की आरती करने से पतिव्रता धर्म की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
स्त्री सशक्तिकरण: सीता माता जी की आरती करने से स्त्री सशक्तिकरण होता है और महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
धैर्य और सहनशीलता: सीता माता जी की आरती करने से धैर्य और सहनशीलता की प्राप्ति होती है और जीवन में कठिनाइयों का सामना करने में मदद मिलती है।
आत्मिक शुद्धि: सीता माता जी की आरती करने से आत्मिक शुद्धि होती है और मन को शांति और पवित्रता मिलती है।
संतान प्राप्ति: सीता माता जी की आरती करने से संतान प्राप्ति की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख और समृद्धि आती है।
गृहस्थ जीवन में सुख: सीता माता जी की आरती करने से गृहस्थ जीवन में सुख और समृद्धि आती है और परिवार के सदस्यों में प्रेम और एकता बढ़ती है।
आध्यात्मिक विकास: सीता माता जी की आरती करने से आध्यात्मिक विकास होता है और आत्मा को उच्च स्तर पर पहुंचाया जा सकता है।
जयति जयति जय ललिते माता! तव गुण महिमा है विख्याता ।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी! सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।
छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसका विशेष महत्व है।
प्रभु श्रीराम हिंदू धर्म के आदर्श पुरुष और भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। उन्हें रामचन्द्र, रघुकुलनायक, और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भी पूजा जाता है।
होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
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