तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है (Tum Utho Siya Singar Karo Shiv Dhanush Ram Ne Toda Hai)

तुम उठो सिया सिंगार करो,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

सीता से नाता जोड़ा है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


शीश सिया के चुनर सोहे,

टिके की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


हाथ सिया के चूड़ी सोहे,

कंगन की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


कमर सिया के तगड़ी सोहे,

झुमके की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


पैर सिया के पायल सोहे,

बिछिया की छवि न्यारी है,

न्यारी न्यारी क्या कहिये,

रघुवर को जानकी प्यारी है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥


तुम उठो सिया सिंगार करो,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है,

सीता से नाता जोड़ा है,

तुम उठो सिया सिंगार करों,

शिव धनुष राम ने तोड़ा है ॥

........................................................................................................
ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Aye Malik Tere Bande Hum)

ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

प्रभु जो तुम्हे हम, बताकर के रोये (Prabhu Jo Tumhe Hum Batakar Ke Roye)

प्रभु जो तुम्हे हम,
बताकर के रोये,

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।