गणपति गजवदन वीनायक (Ganpati Gajvadan Vinayak)

गणपति गजवदन विनायक,

थाने प्रथम मनावा जी,

आना कानी मत ना करीयो,

थारी किरपा चावा जी,

गणपति गजवदन वीनायक,

थाने प्रथम मनावा जी ॥


माथे मुकुट निरालो थाने,

पार्वती का लाल कहावो,

गणपति दुंद दुन्दाला है,

रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे,

मूसे की असवारी है ॥


गणपति गजवदन वीनायक,

थाने प्रथम मनावा जी,

आना कानी मत ना करीयो,

थारी किरपा चावा जी,

गणपति गजवदन विनायक,

थाने प्रथम मनावा जी ॥


रतन भवर गढ़ आप विराजो,

दुखियो का दुःख दूर करो,

जो भी थारे मन में ध्यावे,

उसकी इक्छा पूर्ण करो,

म्हारी लाज भी राखो गणपति,

थाने मनसु ध्यावा जी ॥


गणपति गजवदन वीनायक,

थाने प्रथम मनावा जी,

आना कानी मत ना करीयो,

थारी किरपा चावा जी,

गणपति गजवदन विनायक,

थाने प्रथम मनावा जी ॥


शुभ और लाभ के देने वाले,

सबकी नैया खेते हो,

मित्रमंडल थारी शरण में आयो,

क्यों ना दर्शन देते हो,

थाने खुश करने की खातिर,

‘राजू’ भजन सुणावे जी ॥


गणपति गजवदन वीनायक,

थाने प्रथम मनावा जी,

आना कानी मत ना करीयो,

थारी किरपा चावा जी,

गणपति गजवदन विनायक,

थाने प्रथम मनावा जी ॥

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मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली पनिया गयी (Murli Wale Ne Gher Layi)

मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥

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भगवान सत्यनारायण, भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं। सत्यनारायण की पूजा का असल अर्थ है 'सत्य की नारायण के रूप' में पूजा। भगवान सत्यनारायण व्रत हिंदू धार्मिक मान्यता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,

छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

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