मेरे गणनायक तुम आ जाओ (Mere Gannayak Tum Aa Jao)

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है,

कब आएंगे गजमुख बोलो,

अब अष्ट विनायक आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मन व्याकुल है तन डोले है,

हर साँस मेरी यही बोले है,

अब गौरी नंदन आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


गौरा के मन मन का तू गौरव,

शिव जी की अँखियों का तारा,

अब विघ्न विनाशक आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


तेरा मुख मंगल की मूरत है,

तेरा दर्श ही गणपति अमृत है,

कभी मुझ पे दया बरसा जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥


मेरे मन में गणपति भक्ति रहे,

तेरी भक्ति ही दाता शक्ति रहे,

रंग ऐसा मुझपे चढ़ा जाओ,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओं,

मैं तो कबसे बाट निहार रही,

मेरे गणनायक तुम आ जाओ ॥

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चंपा षष्ठी की पूजा विधि

भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

शाबर मंत्र पढ़ने के नियम

शाबर मंत्र भारत की प्राचीन तांत्रिक परंपरा का हिस्सा हैं। ये अपनी सहजता और प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध है। इन मंत्रों का उपयोग व्यक्ति के भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।

मुझे दास बनाकर रख लेना (Mujhe Das Banakar Rakh Lena)

मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे(Itni Vinti Hai Tumse Hai Bhole Mere)

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे,
थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

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