तेरे दरशन को गणराजा, तेरे दरबार आए है (Tere Darshan Ko Ganraja Tere Darbar Aaye Hai)

तेरे दर्शन को गणराजा ॥


दोहा – नसीब वालों को हे गणराजा,

तेरा दीदार होता है,

जिसपे होता है नजरेकरम,

उसका बेडा पार होता है ॥


तेरे दर्शन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


सुना है मैंने गणराया,

तुम्हे लड्डू ही भाते है,

सुना है मैंने गणराया,

तुम्हे लड्डू ही भाते है,

तुम्हारे भोग में भगवन,

हाँ लड्डू साथ लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तुम्हे दूर्वा सदा चढ़ती,

लोग ऐसा सदा करते,

तुम्हे दूर्वा सदा चढ़ती,

लोग ऐसा सदा करते,

बेल पाती के संग संग में,

हाँ दूर्वा हार लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तुम्हे वस्त्रों में पीताम्बर,

पहनते हमने देखा है,

तुम्हे वस्त्रों में पीताम्बर,

पहनते हमने देखा है,

की दरजी से भी सिलवाकर,

तुम्हारे वस्त्र लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


सुना है ताजे फूलों के,

तुम्हे गजरे सुहाते है,

सुना है ताजे फूलों के,

तुम्हे गजरे सुहाते है,

बागों से ‘सुमन योगी’,

सुगन्धित फुल लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तेरे दर्शन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥

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तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

कब और क्यों मनाई जाती है मौनी अमावस्या?

मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो माघ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन पिंडदान, तर्पण, अन्न और धन का दान, पवित्र नदी में स्नान और मौन व्रत किया जाता है।

धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

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